नेटवर्क डिवाइस एक प्रकार से नेटवर्क का हार्डवेयर होते है इनकी सहायता से नेटवर्क में सभी डिवाइस एक दूसरे से जुड़े होते है और डेटा व सूचनाओ को एक दूसरे को भेजते है
Repeater
- यह डिवाइस नेटवर्क में signal को कमजोर नही होने देता है जब signal weak हो जाता है तो यह उसे regenerate कर देता है जिससे यह संपूर्ण नेटवर्क को समान गति से signal प्राप्त होता है ।
- यह physical layer में कार्य करता है यह signal को बढ़ाने के साथ उसे पुनः उत्पन्न भी करता है
- जब नेटवर्क में signal कमजोर हो जाता है तो यह signal को bit to bit पुनः उत्पन्न करता है
- Repeater में दो पोर्ट होते है इसका सामान्यतया star topology में में उपयोग किया जाता है ।
HUB
- Hub में बहुत सारे repeater के पोर्ट होते है जिनसे अनेक wire नेटवर्क से आकर जुड़ते है ।
- Hub सभी डेटा पैकेट को सभी डिवाइस पर भेजते है ये डेटा पैकेट को फिल्टर नही करते है । जिस प्रकार star topology में कनेक्टर से विभिन्न डिवाइस जुड़े होते है
Type of Hub
- Active hub
- Passive hub
- Intelligent hub
Active hub
- ये hub डेटा पैकेट को अधिकतम दूरी वाले nodes के बीच में स्थांतरित करते है तथा nodes के बीच में दूरी बढ़ाने का कार्य करते है
- ये नेटवर्क के साथ signal को क्लीयर, बूस्ट ओर रिले करते है ।
- ये signal को पुनः उत्पन्न कर सकते है जिस से signal weak नही होता है ।
- इनके पास इनबिल्ट power supply होती है
Passive hub
- ये नोड्स से वायरिंग एकत्र करते है और सक्रिय hub से बिजली की आपूर्ति करते है
- ये नेटवर्क में signal को बिना सफाई ओर बूस्ट किए ही रिले करते है
- ये नोड्स के बीच में दूरी बढ़ाने का कार्य नही करते है ।
Intelligent hub
- ये active hub के रूप में कार्य करते है नेटवर्क से गुजरने वाले सभी डेटा पैकेट पर निगरानी करते है ।
- ये hub के प्रत्येक पोर्ट को configure भी करते है ।
Bridge
- इसमें 2- पोर्ट होते है एक पोर्ट इनपुट के लिए दूसरा पोर्ट आउटपुट के लिए होता है ।
- Bridge डेटा लिंक लेयर में कार्य करता है यह source ओर destination के MAC address को पढ़ कर डेटा पैकेट को फिल्टर करता है ।
- एक ही प्रोटोकॉल पर कार्य करने वाले दो LAN को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
1. Transparent bridge
- यह MAC address के हिसाब से डेटा की जॉच करता है जिसमे यह MAC address के अनुसार डेटा को अग्रेषित या रोकता है ।
2. Source Routing bridge
- इसको IBM द्वारा टोकन रिंग नेटवर्क के लिए विकसित किया गया
- इसमें स्त्रोत स्टेशन के द्वारा फ्रेम के रूट को एक बार मे ही सभी डेटा फ्रेम से एंबेडेड कर दिया जाता है जिससे एक बार फ्रेम को अग्रेषित करने के बाद उसे एक विशेष रूट का पालन करना पड़े
3. Translational Bridge:
- ट्रांसलेशनल ब्रिज प्राप्त डेटा को एक नेटवर्किंग सिस्टम से दूसरे नेटवर्किंग सिस्टम में परिवर्तित करते हैं। या इसका उपयोग दो अलग-अलग प्रकार के नेटवर्किंग सिस्टम के बीच डेटा संचार या संचारित करने के लिए किया जाता है।
- जैसे यदि हम टोकन रिंग से ईथरनेट केबल पर डेटा भेज रहे हैं, तो ट्रांसलेशनल केबल का उपयोग नेटवर्किंग सिस्टम दोनों को जोड़ने और डेटा संचारित करने के लिए किया जाएगा।
Switch
- यह एक मल्टीपोर्ट ब्रिज होता है यह नेटवर्क में सिग्नल को बूस्ट करने का कार्य करता है इसमें सिग्नल के क्षमता पर पोर्ट का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
- यदि पोर्ट की संख्या ज्यादा भी होती है तो सिग्नल की क्षमता और प्रदर्शन प्रभावित नही होता है
- Switch डेटा लिंक लेयर में स्थित होता है यह नेटवर्क में आने वाले सभी डेटा पैकेट को फिल्टर करता है ओर त्रुटि की जांच करता है
- यदि किसी डेटा पैकेट में त्रुटि होने पर उसे आगे नहीं भेजता है त्रुटि रहित डेटा पैकेट को ही आगे भेजता है
1.अव्यवस्थित स्विच (Unmanaged switch)
- इस प्रकार के switch सामान्यतया छोटे नेटवर्क में उपयोग किए जाते है
- ये नेटवर्क में plug ओर play method पर कार्य करते है जब किसी नेटवर्क मे और डिवाइस को जोड़ना होता है तो इनको plug ओर play विधि द्वारा जोड़ दिया जाता है इनको ज्यादा निगरानी की आवश्यकता नहीं होती है।
2. व्यवस्थित स्विच (Managed switch)
- इनका उपयोग बड़े संस्थान में किया जाता है जहां पर जटिल नेटवर्क होता है इनकी लागत भी ज्यादा आती है इस प्रकार के switch में सभी सुविधाएं जैसे की उच्च सुरक्षा स्तर , बेहतर परिशुद्ता स्तर ओर पूर्ण नेटवर्क प्रबंधन होता है
- scalability and flexibility के कारण इनका उपयोग नए संस्थानों में बहुत किया जाता है जबकि इनकी लागत ज्यादा होती हैं
- Simple Network Management Protocol (SNMP) का उपयोग किया जाता हैं।
3. LAN SWITCH
- Local area network में डिवाइस को आपस में जोड़ने के लिए इसका उपयोग किया जाता हैं इसमे किसी संस्था के अंदर सारे डिवाइस आपस मे इस से जुड़े हुए होते है
- इनको ईथरनेट स्विच या डेटा स्विच भी कहा जाता है
- ये किसी नेटवर्क मे डेटा पैकेट की ओवर लेपींग को रोकते है ।
- ये नेटवर्क मे होने वाली डेटा पैकेट का प्रबंधन करते है
4. PoE switch (Power over Ethernet)
- इस प्रकार किन तकनीक मे केवल एक ही केबल पर बिजली का वितरण ओर डेटा दोनों को स्थानतारित किया जाता है
- इस से जुड़े सभी डिवाइस को एक लाइन से बिजली ओर डेटा प्राप्त होता है
Routers
- राउटर मुख्यतया नेटवर्क लेयरमे कार्य करता है
- यह डेटा पैकेट को उनके आईपी पते के आधार पर स्थानांतरित करता है
- यह स्विच के समान ही एक उपकरण होता है यह LAN व WAN को जोड़ने के काम आते है
- इसमे एक राऊटिंग टेबल होती है जिसके आधार पर डेटा पैकेट को स्थानांतरित करते है
Gateway
- यह OSI मॉडल की किसी भी लेयर पर कार्य कर सकता है यह दो नेटवर्क को जोड़ने के लिए एक पाथ का कार्य करता है
- यह एक नेटवर्क से डेटा लेकर उसे दूसरे नेटवर्क को स्थानांतरित करता है
- गेट वे को प्रोटोकॉल कनवर्टर भी कहा जाता है
NIC (Network interface card)
- यह एक नेटवर्क एडाप्टर होता है जो फिज़िकल ओर डेटा लिंक लेयर दोनों मे कार्य करता है
- NIC का उपयोग कंप्युटर को नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है
- यह कंप्युटर मे LAN स्थापित करने के लिए किया जाता है
- इसमें एक अद्वितीय आईडी होती है जो चिप पर लिखी होती है, और इसमें केबल को कनेक्ट करने के लिए एक कनेक्टर होता है।
- केबल कंप्यूटर और राउटर या मॉडेम के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है।
रजिस्टर क्या होते है? (Registers in computer)