- CPU मे रजिस्टर के पास बहुत कम मेमोरी होती है लेकिन बहुत तेज़ कंप्यूटर मेमोरी वाले होते हैं .
- रजिस्टर को CPU के द्वारा उपयोग मे लेने के लिए इनका कोई एड्रैस नहीं होता है लेकिन जब कोई instruction का execution होना होता है तो CPU द्वारा इनको सीधे ही एक्सेस किया जाता है ।
- Register डेटा, instruction ,एड्रैस आदि को संग्रहीत करने का काम करते है । इसलिए इनको CPU की कार्यशील मेमोरी (working memory) कहते है।
- जब किसी प्रोसेस को होना होता है तो Register मे संबंधित डेटा ओर instruction संग्रहीत होते है प्रोसेस होने पर उसका परिणाम भी रजिस्टर मे संग्रहीत रहता है जैसे की 2+2 करना है तो संबंधित डेटा दोनों नंबर 2, 2 ओर इनको जोड़ने का instruction साथ ही प्रोसेस होने के बाद परिणाम 4 भी रजिस्टर मे संग्रहीत होता है ।
- रजिस्टर सीपीयू को डेटा को तेजी से पुनर्प्राप्ति मे सहायता करते है।
- रजिस्टरों के बाद हमारे पास कैश मेमोरी होती है, जो तेज़ होती है लेकिन रजिस्टरों की तुलना में कम तेज़ होती है।
- कंप्यूटर रजिस्टर एक प्रकार की कंप्यूटर मेमोरी है जिसका उपयोग सीपीयू को तुरंत आवश्यक डेटा और निर्देशों को स्वीकार करने, संग्रहीत करने और स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
- सीपीयू द्वारा उपयोग किए जाने वाले रजिस्टरों को प्रोसेसर रजिस्टर कहा जाता है। रजिस्टर का कार्य डेटा को संग्रहीत करना, स्वीकार करना, स्थानांतरित करना और पुनः उपलब्ध करना है।
- एक 32- बिट कंप्युटर के लिए रजिस्टर भी 32 बिट लंबाई का होना आवश्यक है ।
- रजिस्टर अलग-अलग कार्य करते है प्रत्येक रजिस्टर का अपना अलग कार्य निर्धारित होता है ।
- रजिस्टरों की संख्या ओर प्रत्येक रजिस्टर का आकार सीपीयू की शक्ति और गति को निर्धारित करते है ।
- रजिस्टर के आकार को word size के नाम से जाना जाता है यह कंप्युटर को दिए गए किसी समय मे किए गए कार्य मे डेटा की मात्रा को बताता है ।
- जितना आकार (word size) ज्यादा होता है कंप्युटर उतनी ही तीव्रता से कार्य करता है ।
- रजिस्टर 8 , 16 , 32 ओर 64 bit के हो सकते है ।
- 32- बिट के सीपीयू मे प्रत्येक रजिस्टर 32 -बिट का होता है ओर ये एक निश्चित समय मे 32 -बिट डेटा का काम कर सकता है ।
- आजकल 32 बिट के साथ 64 बिट के प्रोसेसर आने लग गए है ।
रजिस्टर के कार्य (functions of register)
- रजिस्टर एक छोटी मेमोरी इकाई होते है ।
- यह सीपीयू मे होती है यह कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी (रैंडम एक्सेस मेमोरी (रैम) या रीड-ओनली मेमोरी (रोम)) का हिस्सा नहीं होते है ।
- रजिस्टर का कार्य डेटा को संग्रहीत करना, स्वीकार करना, स्थानांतरित करना और पुनः उपलब्ध करना है।
- कंप्यूटर रजिस्टर का उपयोग सीपीयू को तुरंत आवश्यक डेटा और निर्देशों को स्वीकार करने, संग्रहीत करने और स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
रजिस्टर के प्रकार (Types of Register)
1. ACC (Accumulator)
- इस रजिस्टर मे गणितीय ओर तार्किक क्रियाओ के परिणाम को संग्रहीत किया जाता है ।
- यह एक अस्थायी संग्रहण का कार्य करते है।
2. IR (Instruction Register)
- इसमें हाल ही में प्राप्त वर्तमान निर्देश संग्रहीत होते हैं।
- एक बार जब निर्देश मेमोरी से प्राप्त हो जाता है तो प्राप्त निर्देश को निर्देश रजिस्टर में संग्रहीत किया जाता है, डिकोडर इस निर्देश रजिस्टर से जुड़ा होता है और प्राप्त निर्देश को डीकोड करता है।
3. PC (Program Counter)
- प्रोग्राम काउंटर रजिस्टर में प्राप्त किए जाने वाले अगले निर्देश का पता होता है।
- निर्देश प्रोग्राम काउंटर (पीसी) द्वारा निर्दिष्ट पते से प्राप्त किया जाता है।
- जब कोई प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो उसे आगे होने वाली प्रक्रिया के लिए निर्देश मिल जाते है ये प्राइमेरी मेमोरी से प्राप्त होते है .
4. MAR (Memory Address Register)
- इस रजिस्टर में प्राप्त किए जाने वाले अगले निर्देश के पते की मेमोरी लोकैशन होती है . जिसे अगली प्रक्रिया के दौरान उपयोग मे किया जाना है।
5. MBR (Memory Buffer Register)
- इस रजिस्टर का उपयोग मेमोरी की बफरिंग के लिए किया जाता है। जिससे प्रोसेसर को निर्देश प्राप्त होते रहे ।
- प्रोसेसर को निर्देश प्राप्त होना बंद ना हो जाए
- मेमोरी से डेटा को अस्थायी रूप से संग्रहीत करता है या मेमोरी में भेजे जाने वाले डेटा को संग्रहीत करता है.
6. DR (Data Register)
- इस प्रकार के रजिस्टर को प्रेषित या अन्य परिधीय उपकरणों से अस्थायी भंडारण डेटा के लिए माइक्रो कंप्यूटर में एम्बेडेड किया जाता है।
7. Input Output Register
- Input Output रजिस्टर जिसका उपयोग इनपुट या आउटपुट संचालन के दौरान डेटा को अस्थायी रूप से संग्रहीत करने के लिए किया जाता है।
Operation Performed by Registers
1. Fatch
- इसका उपयोग दिशा -निर्देश प्राप्त करने के लिए किया जाता है बाद मे प्रोसेसिंग के लिए मुख्य मेमोरी में संग्रहीत निर्देश रजिस्टरों द्वारा प्राप्त किए जाते हैं।
2. Decode
- डिकोड का उपयोग प्राप्त निर्देशों को समझने के लिए किया जाता है सीपीयू यह पता लगता है कि निर्देशों पर कौन सा ऑपरेशन किया जाना है। निर्देशों को डिकोड किया जाता है ।
- सीपीयू यह कार्य करता है बाद मे प्राप्त परिणाम को मेमोरी मे संग्रहीत किया जाता है ओर यूजर को उपलब्ध करवाए जाते है ।
Advantages of Registers in Computer
1. गति (speed )
- इनकी गति मुख्य मेमोरी की तुलना मे तीव्र होती है जिस से ये सीपीयू को मुख्य मेमोरी से जल्दी डेटा उपलब्ध करवाते है .
2. दक्षता (efficiency)
- इनमे डेटा संग्रहण की क्षमता कम होती है जिससे सीपीयू आसानी से डेटा का एक्सेस कर सकते है सीपीयू बड़ी कुशलता से कार्य करते है ।
- हम निर्देशों के क्रम या निर्देशों के प्रवाह को नियंत्रित कर सकते हैं।
.
Disadvantages of Registers in Computer
1. सीमित क्षमता (Limited Capacity)
- इनकी संग्रहण की क्षमता सीमित होती है जिस से ये कम डेटा को संग्रहीत कर सकते है इनमे कम मात्रा मे डेटा संग्रहीत किया जा सकता है
- ये उच्च गति वाली मेमोरी होती है जिसकी लागत ज्यादा होती है जिस से सीपीयू की लागत ज्यादा हो जाती है
- रजिस्टर जटिल होते है जिससे सीपीयू की जटीलता बढ़ जाती है ।
Ans . सामान्यतः memory hierarchy के शीर्ष पर होते है .
Q. एक सीपीयू पर कितने रजिस्टर होते हैं?
Ans . आजकल सीपीयू मे प्रति कोर 70 से अधिक रजिस्टर होते है