चक्रवात क्या होते है ?
साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साईक्लोस से लिया गया है जिसका अर्थ होता है सांप की कुंडलियां इसको ऐसा इसलिए कहा जाता है की क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रोपिकल साइक्लोन समुंद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते है ।
साइक्लोन एक गोलाकार तूफान होते है जो गर्म समुंद्र के ऊपर बनते है जब ये जमीन पर आते है तो अपने साथ में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ आते है ।
साइक्लोन बनते कैसे है ?
- चक्रवात समुंद्र के गर्म पानी के ऊपर बनते है । समुंद्र का जब तापमान बढ़ जाता है तो उसके ऊपर मौजूद गर्म और नम हवा ऊपर की और उठने लगती है जिससे हवा का वो एरिया खाली हो जाता है और वहा का वायुदाब कम हो जाता है ।
- इस प्रकार जो खाली एरिया होता है वहा पर आसपास की ठंडी हवा तेजी से आती है और वहा हवा के संपर्क में आकर गर्म और नम होकर ऊपर की और उठने लगती है ।
- इस प्रकार वहा पर एक चक्र शुरू हो जाता है और बादल बनना शुरू हो जाते है इस से एक तूफान चक्र बन जाता है ।ये चक्रवात धरती के घूमने के साथ ही घूमते रहते है ।
- चक्रवात के तेजी से घूमने से इसके सेंटर में एक आई बनता है इस आई में सबसे कम वायुदाब होता है तथा यह चक्रवात का सबसे शांत हिस्सा होता है ।
- अगर इनमे हवा की गति लगभग 62 किमी प्रति घंटा होती है तो ये ट्रोपिकल स्टॉर्म कहलाते है और यदि हवा की गति 120 किमी प्रति घंटा हो जाती है तो ये स्टॉर्म साइक्लोन बन जाते है
- गर्म समुंद्री हवा से बनने के कारण ये ठंडे इलाकों में आमतौर पर नही बनते है इसके लिए समुंद्र के पानी का तापमान 25-26 डिग्री होना चाहिए।
- इसलिए ही इनको ट्रोपिकल साइक्लोन कहा जाता है क्यों इन इलाकों का ओसत तापमान हमेशा 18 डिग्री से ज्यादा ही बना रहता है ।
चक्रवात टायफुन हरिकेन और टारनेडो में क्या अंतर होता है ?
तूफान और साइक्लोन एक तरह से वातावरण का डिस्टरबेंस होता है इनमे तेज हवाओं के साथ में बारिश ,ओले पड़ते है जब ये धरती पर होते है तो एक तूफान कहलाता है तथा साइक्लोन समंदर में बनते है और ये खतरनाक और तीव्र होते है ।
दुनिया भर में साइक्लोन को अलग अलग नामों से बुलाया जाता है जैसे
उतरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन कहा जाता है ।
जापान फिलिपिंस और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून के नाम से जाना जाता है ।
ऑस्ट्रेलिया, भारत और हिन्द महासागर के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है ।
टारनेडों भी एक भयानक तूफान का ही एक रूप है और ये सबसे ज्यादा अमेरिका में आते है यह समुंद्र के बजाय धरती पर आते है ।
कोई चक्रवात कितना खतरनाक होता है ?
सामान्य तौर पर देखा जाए तो समुंद्र में साइक्लोन बनते रहते है लेकिन सभी साइक्लोन खतरनाक नही होते है जो साइक्लोन समुंद्र से धरती पर आ जाता है तो वह खतरनाक हो जाता है ।
साइक्लोन की स्पीड के अनुसार इनको पांच कैटेगरी में बांट सकते है
- साइक्लोनिक स्टॉर्म :- इस प्रकार के साइक्लोन में हवा की स्पीड 62 किमी प्रति घंटा से 88 किमी प्रति घंटा होती है ये सबसे कम खतरनाक साइक्लोन होते है ।
- सेवेर साइक्लोन :- इस प्रकार के साइक्लोन में हवा की स्पीड 89 किमी प्रति घंटा से 120 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है इस प्रकार के साइक्लोन समुंद्र में जहाज और नावों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
- वेरी सेवेर साइक्लोन:- इस प्रकार के साइक्लोन की स्पीड 118 किमी प्रति घंटा से 165 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है ये साइक्लोन जमीन पर आने पर जान मॉल की हानि कर सकते है ।
- एक्सट्रिमिली सेवेर साइक्लोन :इस प्रकार के साइक्लोन की स्पीड 166 किमी प्रति घंटा से 220 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है ये बेहद खतरनाक होते है
- सुपर साइक्लोन :- इस प्रकार के साइक्लोन की स्पीड 220 किमी प्रति घंटा की हो सकती है कभी कभी इनकी स्पीड 300 किमी प्रति घंटा से 400 किमी प्रति घंटा तक हो जाती है तो ये रास्ते में आने वाले पेड़ों को और गाडियों को बिल्डिंग को भी नुकसान पहुंचा सकते है ।
- 18वी सदी में साइक्लोन के नाम कैथोलिक संतो के नाम पर रखा जाता था । 19वी सदी में साइक्लोन के नाम महिलाओं के नाम पर रखा जाने लगा ।
- सन 2000 से विश्व मौसम संगठन (WMO) ओर यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर द एशिया पैसेफिक (ESCAP)ने एशिया - प्रशांत क्षेत्र महासागर के तुफानों के नामकरण का मेथड शुरू किया ।
- वर्तमान समय में साइक्लोन का नाम दुनिया के छह विशेष मौसम केंद्र मतलब रीजनल स्पेशलाइज्ड मेट्रोलॉजिकल सेंटर्स (RSMCS) ओर पांच चक्रवाती चेतावनी केंद्र (ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निंग सेंटर्स TCWCS) देते है ।
- RSMCS और TCWCS तूफानों और चक्रवातों को लेकर अलर्ट जारी करते है .
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) भी RSMCS के छह सदस्यों में शामिल हैं जो चक्रवात और आंधी तूफ़ान को लेकर एडवाइजरी जारी करते है ।
- IMD हिन्द महासागर,बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के इलाकों में आने वाले साइक्लोन के नाम रखने और अन्य आसपास के 13 देशों को साइक्लोन के लिए अलर्ट जारी करता है।
- हिन्द महासागर के इलाकों में आने वाले साइक्लोन के नाम रखने के फार्मूले पर सहमति 2004 में हो गई थी।पहले इसमें आठ देश भारत, बांग्लादेश, मालदीव ,म्यावार, ओमान,श्रीलंका पाकिस्तान और थाइलैंड शामिल थे । लेकिन 2018 मे इसमें ईरान ,कतर , सऊदी अरब , यू ए ई और यमन भी शामिल हो गए है जिस से अब इनकी कुल संख्या 13 हो गई है ।
- हुदहुद
- तितली
- फेथाई
- फानी
- वायु
- अम्फान