क्या होती हैं कम्प्यूटर की पीढ़ियां (computer Generation) in hindi

Preeti Kumawat
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कंप्यूटर का इतिहास (HISTORY OF COMPUTER)

  • कंप्युटर कई विकास के बाद आज काम मे आने वाले कंप्युटर का आविष्कार हुआ 
  • ये कम्प्यूटर वेककुम ट्यूब पर आधारित थे .
  • चार्ल्स बैबेज को "कंप्यूटर का पिता" माना जाता है। 
  • जिनके उदाहरण निम्न प्रकार है। 

1. केलकुटींग मशीन :-     


  •  ABACUS यह पहला गणना करने वाला मशीन था  जिससे बड़ी सँख्याओ की गणना की जा सकती थी। 
  •  ABACUS का मतलब गणना करने वाले एक बोर्ड से होता है यह horizontal स्थिती मे सलाखों के रूप मे होता है जिस पर मोती के सेट लगाए जाते है प्रत्येक horizontal बार मे 10 मोती होते है जो एक यूनिट का निर्माण करते है ।  
  • अबेकस एक लैटिन शब्द है जिसकी उत्पत्ति “अबेकस या एबेकोन” से हुयी हैं इसका अर्थ होता हैं टेबल या टेबलेट

2. नैपियर बोन्स :-

  •  यह मशीन गुणा संबंधित कई गणनाओ मे काम आती है । 
  •  इसका आविष्कार 1617 AD मे एक अंग्रेज गणितज्ञ जॉन नेपियर ने किया था जिसका मुख्य कार्य गुणा संबंधित गणना मे होता है । 


3. स्लाईड रूल :- 


  • इसका आविष्कार  16 वी  शताब्दी मे एक अंग्रेज  गणितज्ञ ने किया था 
  • इस मशीन से जोड़ बाकी गुणा भाग संबंधित सभी गणना की जा सकती थी ।
 


4. पास्कल की जोड़ ओर बाकी की मशीन :-



  •  इस मशीन से जोड़ एवं बाकी  की गणना की जा सकती थी । 
  • इस मशीन का निर्माण  पहिये , गियर्स , सिलेंडर से किया गया था 


5. PUNCH कार्ड सिस्टम :-  

             
  • इसका आविष्कार jacquard ने 1801 मे किया  
  • पंच कार्ड एक प्रकार का सख्त व कठोर कागज का कार्ड होता है। 
  • जिसका प्रयोग किसी Statement and Data को Store करने के लिए किया जाता है । 
  • इन पंच कार्ड में डिजिटल डाटा को स्टोर किया जाता है। 
  • इन पंच कार्ड में डिजिटल डाटा स्टोर करने के लिए पंच कार्ड में कुछ छोटे-छोटे छेदो  का प्रयोग किया जाता है।
  • पंच कार्ड के  इन को छेदो  Punch Hole कहा जाता है। 
  • इस कार्ड में 80 Coloum और 12 Row होती है और इन सभी Row तथा Coloum का प्रयोग अलग-अलग प्रकार के अंकों तथा अक्षरों के प्रयोग के लिए किया जाता है।
  • पंच कार्ड को हम I.B.M कार्ड तथा होललेरिथ कार्ड भी कहा जाता है।




कंप्यूटर के अब तक के विकास के आधार पर 5 पीढ़ियों मे बाँटा जा सकता है । 


कम्प्यूटर की पीढ़ियां (computer Generation) 


 प्रथम पीढ़ी (Ist GENERATION)  


  • इनका समय सन 1942 से 1955 तक माना जाता है।   
                                  

                                                         

                                                      प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर


  •   प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर वेककुम ट्यूब पर आधारित थे 

 

                                                               वेककुम ट्यूब



  • मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया जाता था
  • इस प्रकार के कम्प्यूटर मे इनपुट पंच कार्ड एवं पेपर टेपस से किया जाता था 
  •  आउट्पुट प्रीन्ट आउट पर प्रदर्शित किया जाता था 
  •  मशीन को निर्देश मशीन भाषा मे दिए जाते थे । 
  •  मशीनी भाषा मे 0 एवं 1 का उपयोग निर्देशों की coding के लिए किया जाता था 
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर एक समय मे एक ही प्रॉब्लेम सॉल्व कर सकते थे तथा गणना का समय मिली सेकंड मे था 
  • यह कम्प्यूटर आकार मे बहुत बड़े एवं इनको रखने के लिय ज्यादा जगह की आवश्यकता पड़ती थी 
  • प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर मे बड़ी संख्या मे वैक्युम ट्यूब का उपयोग होता था जिससे इनमे  बड़ी मात्रा मे गर्मी का उत्सर्जन होता था बहुत ज्यादा बिजली की खपत होती थी जिससे ये महंगे होते थे इनका रखरखाव भी ज्यादा करना पड़ता था 
  • इनमे मशीन भाषा का उपयोग करते थे जिससे प्रोग्राम बनाना भी मुश्किल  होता था 


उदाहरण 

  1.  UNIVAC -  UNIVERSAL  AUTOMATIC COMPUTER
  2.  ENIAC    -  ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRETED AND CACULATOR
  3.  EDVAC   -  ELECTRONIC  DISCRETE VARIABLE AUTOMATIC COMPUTER

 

द्वितीय पीढ़ी (SECOND GENERATION)   

  •  इनका समय सन 1955 से 1964 तक माना जाता है  । 
                      



  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर मे ट्रांजिस्टर (TRANSISTER) का उपयोग होता था  जिससे कम्प्यूटर छोटे, सस्ते, तेज, बिजली की कम खपत वाले हो गए थे 
                                        
                                                                                   ट्रांजिस्टर 
 

  • इस पीढ़ी के कंप्युटरो मे प्राइमेरी  मेमोरी के लिए Magnetic  Core Technology  का उपयोग किया गया तथा सेकन्डेरी मेमोरी के लिए मेगनेटिक टेप एवं मेग्नेटिक  डिस्क का उपयोग किया जाता था ।
  • इन कंप्युटरो मे इनपुट पंच कार्ड द्वारा एवं आउट्पुट प्रीन्ट आउट के रूप मे होता था इस पीढ़ी के कम्प्यूटर मे प्रोग्राम संग्रहीत रहते है तथा निर्देश कंप्युटर MEMORY मे संग्रहीत रहते है ।
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर मे प्रोग्राम असेंबली भाषा मे लिखे जाते थे 
  • असेंबली भाषा मे 
  •  ADD  FOR ADDITION       -         जोड़ना 

          SUB  FOR SUBSTRACTION   -     बाकी करना होता है ।

  • असेंबली भाषा मशीन भाषा से आसान होती थी 
  • उच्च स्तरीय भाषा का विकाश भी इसी समय हुआ 

            जेसे  COBOL , एवं FORTRAN

  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर मे गणना का समय माइक्रो सेकंड था  ।  साइज़ मे छोटे हो गए  परंतु हीट बहुत देते थे तथा रखरखाव की कम जरूरत थी प्रथम पीढ़ी के कंप्युटर की तुलना मे । 


उदाहरण -    PDP -8 , IBM 1401 ओर CDC 1604


तृतीय पीढ़ी (THIRD  GENERATION)

  • इनका समय सन 1964    से 1975  तक माना जाता है।      
                                   


  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर मे IC (integrated circuits)का उपयोग किया गया था 
                     



  • आई. सी. का अविष्कार 1958 में जैक किल्बी द्वारा किया गया
  • एक IC मे सिलिकॉन चिप पर बहुत ट्राजिस्टर  लगे होते थे  
  • आई. सी. के प्रयोग से कम्प्यूटर की गति ओर कार्य करने की क्षमता बढ़ गई


  • आई. सी. के प्रयोग से कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा और पहले से तेज़ हो गया  कम्प्यूटर मे इनपुट के लिए  कीबोर्ड ओर आउट्पुट के लिए मॉनिटर का प्रयोग होने लगा था तथा इसमे ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होने लग गया था जिससे ऑपरेटिंग सिस्टम से एक समय मे कई application चलाए जा सकते थे 
  • हाई लेवल लेनगुऐज  का उपयोग programming मे किया जाता था 
  • कम्प्यूटर मे गणना का समय नेनों  सेकंड हो गया था 


उदाहरण - IBM 370 , PDP 11


 चतुर्थ पीढ़ी (FOURTH GENERATION)



  • इनका समय सन 1975   से 1989   तक माना जाता है। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर मे microprosessor का उपयोग किया गया 
  • इसमे LSI (Large Scale Integration ) ओर VLSI (Very Large Scale Integration ) तकनीक का प्रयोग किया गया
  • LSI  इस तकनीक मे हजारों की संख्या मे ट्रांजिस्टर एक छोटी सिलिकॉन चिप पर होते है । 
  • VLSI इस तकनीक मे लाखों  की संख्या मे ट्रांजिस्टर एक छोटी सिलिकॉन चिप पर होते है । 
  •  माइक्रोप्रोसेसर एक छोटी चिप होती है ।जिसपर मिलियन की संख्या मे ट्राजीस्टर ओर Component होते है 
  • इस पीढ़ी मे Personal Computer  का विकास हुआ । 
  • Semiconductor Memory  की जगह Magnetic Core Memory का प्रयोग होने से RAM का उपयोग होने लगा 
  • Secondary Storage Device मे Magnetic Disks छोटी ओर ज्यादा क्षमता वाली हो गई 
  • इसी पीढ़ी मे इंटरनेट का आविष्कार हुआ तथा पोइंटिंग Device का विकास हुआ 
  • इसमे नए ऑपरेटिंग सिस्टम जेसे MS-DOSMS-WINDOW का विकास हुआ कंप्युटर मे GUI {Graphical User Interface } का प्रयोग होने लग गया 
  • GUI मे कई प्रकार के MENUS ओर ICON से कंप्युटर काफी यूजर फ़्रेंडली हो गया 
  • HIGH LEVEL LANGUAGE का उपयोग होने लग गया 
  • प्रोग्राम लिखने के लिए कुछ उच्च स्तरीय भाषाओ को विकसित किया गया जैसे- C और C++
  • कम्प्यूटर की गणना Pico Second मे हो गई  इस पीढ़ी के कंप्युटर घरों तक उपलब्ध होने लगे 


उदाहरण 

          Intel 4004 चिप पहला माइक्रोप्रोसेसर था 1981 मे IBM ने पहला घर के लिए कंप्युटर करवाया गया । 



पांचवी पीढ़ी {FIFTH GENERATION}

  • इनका समय सन 1989 से वर्तमान  तक माना जाता है। 
  • इसमे Artificial Intelligence (बौद्धिक क्षमता ) विकसित हुआ है  । 
  • इसी पीढ़ी मे SLSI {Super Large  Scale Integrated} चिप का उपयोग किया जा रहा है । 
  • इसमे Million Component एक ही चिप पर स्टोर होते है । 
  • इन कम्प्यूटर की Memory बहुत ज्यादा होती है । 
  • इन कम्प्यूटर मे Parallel Processing का प्रयोग किया जाता है । 
  • इस पीढ़ी के कम्पुटरों मे बौद्धिक क्षमता , सोचने समझने की क्षमताओ का विकास करने के प्रयास किए जा रहे है । 



Q. 
  भारत में कंप्यूटर का जनक कौन है?

ANS .  विजय भाटकर: भारतीय कंप्यूटर वैज्ञानिक विजय पांडुरंग भाटकर को भारतीय सुपर कंप्यूटर का जनक माना जाता  हैं।

Q. कंप्यूटर की शुरुआत कब हुई थी?

ANS . 1822 में Charles Babbage ने पहला मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था 

Q . भारत में कंप्यूटर की शुरुआत कब हुई?

ANS. भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में पहला कंप्यूटर 1956 में स्थापित किया गया, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये थी। इसे HEC-2M (होलेरिथ इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर-2M) कहा जाता था।



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