देश में 5 G सर्विस शुरू हो चुकी है भारती एयरटेल और जियो ने देश के कुछ शहरों में 5 जी सर्विस शुरू की है । आइए जानते है 5 जी इंटरनेट के बारे में आज विस्तार से
क्या होता है ये 5 जी इंटरनेट ?
मोबाइल कंपनियां इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध करवाती है। इसकी विकास की पीढ़ी (Generation) होती है ।जिसमे सबसे पहले क्रमश 2G, 3G,4G ओर अब कंपनी 5 जी इंटरनेट सर्विस उपलब्ध करवा रही है।
4 जी इंटरनेट सर्विस 5जी के बाद भी चालू रहेगी जब तक पूरे देश में 5जी इंटरनेट सर्विस शुरू नही हो जाती है ।
इंडियन मोबाइल कांफ्रेंस में दिनांक 01.10.2022 को PM मोदी ने 5जी इंटरनेट सर्विस शुरू की यहां एयरटेल कंपनी ने बताया की वो 5जी इंटरनेट सर्विस पूरे देश में मार्च 2024 तक शुरू कर देगी वही जियो कंपनी दिसंबर 2023 तक सम्पूर्ण देश में 5जी इंटरनेट सर्विस प्रदान कर देगी ।
5जी लॉन्च होने के बाद इसके कुछ नेगेटिव प्रभाव के बारे में भी चर्चाएं हो रही है । आज इनके बारे में विस्तृत रूप से जानते है ।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन WHO 5जी इंटरनेट सर्विस से होने वाले खतरों का आकलन कर रहा है ,जिसकी रिपोर्ट इस साल के अंत तक आने की संभावना है WHO के अनुसार अभी तक मोबाइल टेक्नोलॉजी का इंसान की सेहत पर कोई नुकसानदायक प्रभाव सामने नही आया है ।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल इंटरनेट सर्विस से कैंसर जैसी बीमारी का अभी तक कोई मामला सामने नही आया है ।
एक्सपर्ट के अनुसार ज्यादा एनर्जी और ज्यादा फ्रिक्वेंसी वाले रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा रहता है ऐसे रेडिएशन को आयोनाईजिंग रेडिएशन कहते है एक्स रे, गामा रे ओर अल्ट्रावायलेट किरणें इसका उदाहरण है ।
मोबाइल फोन और माइक्रोवेव ओवन जैसी आम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में कम एनर्जी और कम फ्रिक्वेंसी वाले रेडिएशन का इस्तेमाल होता है ये नॉन आयोनाईजिंग रेडिएशन कहलाते है इसलिए मोबाइल से कैंसर का खतरा काफी कम रहता है ।
इसे नेटवर्क के मामले में देखा जाए तो 4जी की तुलना में 5जी की नेटवर्क की फ्रीक्वेंसी भले ही ज्यादा है परन्तु इतनी भी ज्यादा भी है की मानव शरीर के टिशूज को नुकसान पहुंचाए ।
अमेरिका की फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन FCC की मौजूदा गाइडलाइन के अनुसार लोगों को 300 किलोहार्ट्ज से लेकर 100 गीगाहर्ट्ज तक के रेडिएशन से खतरा नही होता है
दुनिया के ज्यादातर देशों में अभी 5जी फ्रिक्वेंसी की रेंज 25 से 40 गीगाहर्ट्ज के आसपास है और 100 गीगा हर्टज से कम है । भारत में 5जी इंटरनेट सर्विस के लिए 600 मेगाहर्ट्ज से लेकर 24 से 47 गीगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल होगा ।
अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन FAA ने चेतावनी दी है की 5 जी कुछ विमानों की ऊंचाई की रीडिंग करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है 5 जी से विमान के आल्टीमीटर भी प्रभावित हो सकते है जो ये बताते है की विमान जमीन से कितनी उपर उड़ रहा है ।
यूरोप के 27 देशों में कम फ्रिक्वेंसी वाले 5 जी का उपयोग हो रहा है वहा पर विमानों की उड़ान पर 5जी का कोई प्रभाव नहीं है ।
साउथ कोरिया में 2019 से 5 जी का उपयोग हो रहा है वह पर कोई भी शिकायत नही है ।
क्या 5जी टैस्टिंग से पक्षियों की मौत होती है ?
ICNIRP के अनुसार मोबाइल टेलीकॉम का एंटीना इतना शक्तिशाली नही होता है पूरी दुनिया में ऐसे लाखो एंटीना है लेकिन पक्षियों के मौत के मामले कभी सामने नही आए है 5 जी के रेडिएशन से इतना असर नही होता है की कोई पक्षी की मौत हो जाए